परियोजना

रक्त प्रवाह मीटर के साथ सेंट्रलाइज्ड ब्लड पंप

  • एक्सट्राकॉर्पोरियल कार्डियोपल्मनेली बाईपास एक ऐसी तकनीक है, जिसमें ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान मरीज के दिल को रोकने या बायपास करना पडता है।
  • हृदय और फेफडों के कार्यों को क्रमशः ब्लड पंप और ऑक्सीजनेटर द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।
  • रोलर पंप बाईपास के लिए लागत प्रभावी है, लेकिन यह रक्त क्षति का कारण बनता है।
  • रक्त प्रवाह मीटर पंप से प्रवाह उत्पादन को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री विनोदकुमार वी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. विवेक वी पिल्लै

पैरा –कॉर्पोरल लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाईज

  • एक यांत्रिक पंप जिसका प्रयोग कमजोर हृदय वाले मरीजों के समर्थन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह उपकरण हृदय के बाएँ वेंट्रिकल से रक्त लाता है और शरीर और महत्वपूर्ण अंकों में पंप करने में मद्दगार साबित होता है वैसे ही जैसे एक स्वस्थ हृदय करता है।
  • यह हृदय प्रतिस्थापना या शल्यचिकित्सा के दौरान समस्या उत्पन्न रोगियों के लिए उपयोग किया जाता है, जिसका हृदय कुछ दिन के आराम से ठीक हो सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.डी.एस . नागेश

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. के जयकुमार

थोरासिक एर्योटिक एन्यूरिजम के एंडोवैस्कुलर उपचार के लिए महाधमनी स्टेंट

  • इसका उपयोग एयोर्टिक एन्यूरिजम के पारंपरिक शल्यचिकित्सा विकल्प के रूप में किया जाता है(बडे धमनियाँ रक्त से भरा हुआ गुब्बारे जैसा होता है।)
  • इसमें मरीज तेजी से ठीक होता है और अस्पताल में अधिक समय तक रहने की भी ज़रुरत नहीं होती।
  • यह उन मरीजों के लिए उपयोग किया जाता है जो हृदय प्रतिरोपण या शल्यचिकित्सा के पश्चात् ठीक होने में समय लगने वाला मरीज हो और जिनके हृदय को ठीक होने में थोडा समय चाहिए हो।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. सुजेश एस

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. कपिलमूर्ति .डी.आर

संचालन अनियमितता के लिए डीप ब्रेन उत्तेजक प्रणाली

  • पार्किंसंस पीडित रोगियाँ विभिन्न प्रकार के संचालन अनियमितताओं से संबंधित रोगों जैसे झटके, अंगों में कठोरता, संचालन की सुस्ती एवं खराब संतुलन आदि से पीडित है।
  • मस्तिष्क के कुछ कम ऊर्जा विद्युत उत्तेजना क्षेत्रों में इलेक्ट्रोड का उपयोग करके मस्तिष्क में इन लक्षणों को नियंत्रित करता है।
  • निर्दिष्ट प्रभाव के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेटर एक पल्स जनरेटर और प्लेटिनम इलेक्ट्रोड के एक सेट का उपयोग किया जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री मुरलीधरन सी.वी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. आशा किशोर

ल्यूकोसाईट (डब्ल्यू बी सी) रिडक्शन फिल्टर

  • ट्रांसफ्यूज्ड रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यू बी सी) की उपस्थिति प्राप्तकर्ताओं के लिए कई जटिलताएँ पैदा करती है।
  • ल्यूको-रिडक्शन से तात्पर्य रक्त चढाने के लिए आपूर्ति किए गए रक्त या रक्त घटकों से सफेद रक्त कोशिकाओं को हटाना है।
  • यह उपकरण में विशेष झल्ली है जो उसके माध्यम से गुजरने वाले डब्ल्यू बी सी को आकर्षित या फंसा देता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. पी रमेश

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. देबाशिष गुप्ता

बायो प्रोस्थेटिक हार्ट वाल्व

  • कृत्रिम हृदय वाल्व का इस्तेमाल रोगग्रस्त/क्षतिग्रस्त प्राकृतिक वाल्वों को बदलने के लिए किया जाता है।
  • यह चेक वाल्व्स के रूप में कार्य करता है जो हृदय एवं सरकुलेटरी प्रणाली में रक्त के दिशाहीन प्रवाह को सुनिश्चित करता है।
  • बयो प्रोस्थेटिक वाल्व्स जैविक मूल सामग्रियों से बना कृत्रिम वाल्व है जो बुजुर्ग रोगियों के लिए अधिमान्य है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. पी.आर उमाशंकर

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. विवेक वी पिल्लै

लूंबर फ्यूशन के लिए बयोएक्टिव इंटर-वेर्टिबल स्पेसेर्स

  • निचले रीढ़ के कशेरुओं की अस्थिरता स्पॉन्डिलोसिस (स्पाईन डिजनरेशन) और सपॉन्डिलाइटिल(रीड को प्रभावित करने वाला इंफ्लमेटरी एर्थराईटिस) अक्सर गंभीर दर्द का कारण बनता है ।
  • रीढ़ के अस्थिर हिस्सों को फ्यूज करके अथवा कशेरुओं की गति खंड को स्थिर करके शल्यचिकित्सा के माध्यम से दर्द में राहत प्राप्त की जा सकता है।
  • उपकरण वेर्टिबल बॉडीस को प्राकृतिक उपचार से जोडने में मदद करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. मनोज कोमत्त

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ.प्रकाश नायर

हड्डियों में दवा वितरण के लिए बयोएक्टिव मेटीरियल प्लाटफॉर्म

  • हड्डी और जोडों में संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिल) ओर्थोपीडियाक शल्यचिकित्सा की सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है।
  • इंप्लांट्स में बैक्टीरिया चिपक जाता है, विशेषकर धातुओं में , जो संक्रमण को ठीक करने में ओर भी कठिनाई बनता है।
  • परियोजना के उद्देश्य एक जैव सक्रिय सामग्री प्लाटफॉर्म का विकास करना है जिसमें एक नोवेल बायोसेरामिक संरचना है, जो पोरोसिटी और ऑस्टियोकंडक्टिविटी को समायोजित करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. हरिकृष्ण वर्मा

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. ईश्वर एच वी

एक्यूट एवं क्रोनिक इलेक्ट्रो-कॉर्टिकोग्राफी में 15 दिन के उपयोग के लिए इंय्राक्रैनियल इलेक्ट्रोड

  • मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले अत्यधिक और असामान्य तंत्रिका, कोशिका गतिविधि मिर्गी के दौरे का परिणाम है।
  • मस्तिष्क के मिर्गी क्षेत्रों का पता लगाने के लिए इंट्राक्रैनियल इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है। वे उन क्षेत्रों का पता लगाने में मदद करते हैं जिन्हें मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए शल्यचिकित्सा द्वारा हटाने की आवश्यकता होती है।
  • उपकरण में प्लाटिनम इलेक्ट्रोड्स के साथ प्लाटिनम-इराडियम तारों को इरिडियम अलॉय कणेक्शन तारों के उपयोग से किया जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. जितिन कृष्णन

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. रामशेखर मेनन

ऑप्टिकल पेरिफेरल नर्व स्टिमुलेटर

  • मनुष्य के तंत्रिका कोशिकाओं को उत्तेजित करने के लिए विद्युत प्रवाह के मानक दृष्टिकोण का उपयोग करता है।
  • ऑप्टिकल तंत्रिका उत्तेजन इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशंस से जुड़े दर्द जैसे कई समस्याओं को अभिभूत करता हैः इसके लिए तंत्रिका कोशिकाओं के साथ कोई भी शारीरिक संपर्क की जरूरत नहीं है।
  • एक छोटे से वांछित क्षेत्र को ठीक रूप से प्रयोग करने के लिए प्रकाश स्रोत को समायोजित किया जा सकता है।
  • यह परियोजना ऑप्टिकल तंत्रिका उत्तेजना की व्यवहार्यता पर ध्यान केंद्रित करती है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. आर.एस. जयश्री

रक्त व्युत्पन्न उत्पाद

  • मानव रक्त से निकाले गए उत्पाद जो कई थेराप्टिक प्रयोगों के लिए है।
  • इसमें एल्बिमिन, फैक्टर VIII और इंट्राविनोस इम्म्यूनोग्लोबिलिन(आईवीआईजी) भी शामिल है।
  • इन उत्पादों को यूरोपीय/भारतीय फार्माकोपिया की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विधिमान्य किया जाएगा।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. लिसी कृष्णन

कार्टिलेज इंजुरी और ग्रोथ प्लेट डिफेक्ट्स के लिए इंजेक्टबिल हाईड्रोजेल

  • कार्टिलेज में होने वाली क्षति या चोट आम घटना हैं और यह काफी दर्दनाक या अस्थि संधि हो सकता है।
  • परियोजना का उद्देश्य क्षतिग्रस्त कार्टिलेज को ठीक करने के लिए इंजेक्टबिल हाईड्रोजेल विकसित करना है।
  • जेल का प्रयोग कार्टिलेज उत्पादक कोशिकाओं को निश्चित स्थान में पहूँचाने वाले एक परिवहन के रूप में भी किया जा सकता है ।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. प्रभा.डी.आर

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. व्रिशा माथुरी

इन विट्रो हेपेटोटॉक्सिसिटी जांच के निर्माण के लिए लिवर टिश्यू के त्री डी प्रिंटिंग

  • नए दवाओं के विकास में लिवर टोक्सिसिटी की क्षमता का मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इन परीक्षणों को करने के लिए प्रयोगशाला मेम जानवरों का उपयोग किया जाता है।
  • त्री डी लिवर का निर्माण लिवर टॉक्सिसिटी के दवा निर्माण के प्रारंभिक स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे दवा टॉक्सिसिटी को परखने के लिए किए जाने वाले प्रयोगशाला जानवरों के उपयोग को भी कम करने में मदद करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनिलकुमार पी. आर

पीटी/आईएनआर के अनुश्रवण के लिए सेन्सिंग डिवाईसेज

  • ब्लड वेससल रोगियों और हृदयवाहिनी इंप्लांट्स, प्रबंधन के अधिकतम मरीजों को एंटीकोयागुलेंट का आजीवन जरूरत है और रक्त क्लोटिंग के समय (प्रोथॉम्बिन टाईम –पीटी) भी रोज नियमित रूप से निगरीनी की जरूरत है।
  • इस परियोजना में होम केयर मॉनिटरिंग सिस्टम का नियोजन है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनुज्ञा भट्ट

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. हरिकृष्णन एस

नियंत्रित एंटीबायोटिक डिलिवरी के लिए चिटोसन/अल्गिनेट आधारित पॉलीमरिक घाव ड्रेसिंग

  • घाव प्रबंधन में घाव संक्रमण एक बडा चिंतनीय विषय है।
  • इसमें पॉलीमेरिक घाव ड्रेसिंक ही एंटीबायोटिक दवाओं की यथावत् भरने के लिए ठीक होगा।
  • यह अधिक उपयुक्त इसलिए होगा क्योंकि यह चिकित्सक को अपने पसंदीता दवा चुनने की आजादी देता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. रेखा. एम.आर

पोर्सिन कोलेसिटिक-एक्सट्रासेल्युलर मैट्रिक्स से घाव भरने वाले फेब्रिकेशन

  • पशु मूल से अवांछित कोशिकाओं को हटाने के बाद, अतिरिक्त सेलुलर मैट्रिक्स में प्राकृतिक बयोमोलिकूल्स का एक समृद्ध भार होता है जो टिश्यू रीजनरेशन को बढावा देता है।
  • इस परियोजना का उद्देश्य प्रोर्सिन टिश्यू से मैट्रिक्स को बनाना है।
  • घाव भरने के अनुप्रयोगों के लिए एक पित्ताशय से एक अतिरिक्त मेट्रिक्स को विकसित किया जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. टी.वी.अनिल कुमार

शल्य चिकित्सा और अत्यधिक पुराने घावों को दूर करने के लिए लिंट मुक्त अबसोर्बेंट ड्रेसिंग

  • इस परियोजना का उद्देश्य एक नॉन-टॉक्सिक चिकित्सा ड्रेसिंग का विकास करना है जिसमें उच्च तरल पदार्थ रखने की क्षमता हो।
  • इससे तेजी से पट्टी कर सकते हैं और यह काटने या छँटाने के बावजूद लिंट मुक्त है।
  • चिकित्सा ड्रेसिंग कुछ अत्यधिक पुराने घावों को दूर करने में ज्यादा निःस्त्रवन है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. लिंडा वी थॉमस

संक्रामक रोगों के लिए पोइंट ऑफ केयर उपकरण

  • लूप मीडिएटेट आईसोथेर्मेल एमप्लिकेशन (एलएएमपी) एक न्यूक्लिक एसिड प्रवर्तन तकनीक है जिले एकल तापमान रिएक्शन के माध्यम का उपयोग करके किया जा सकता है।
  • यह परियोजना टूबरक्लोसिस की जांच के लिए एक पोइंट ऑफ केयर तकनीक को विकसित करने का प्रयास करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनूप कुमार टी

बढा हुआ घाव भरने के लिए एलगिनेट स्कॉफोल्ड के साथ रीकॉम्पीयंट ग्रोथ फॉक्टेर्स

  • शरीर द्वारा स्रवित पदार्थ है ग्रोथ फॉक्टेर्स, जिसका कार्य घाव को भरने और सूजन के कोशों के विकास को स्टिमुलेट करना है।
  • यह परियोजना दो रीकॉम्पीयंट ग्रोथ फॉक्टेर्स पर ध्यान केंद्रित करता है,जो घाव भरने की पोटेंश्यल एप्लिकेशन के लिए है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनूप कुमार टी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. पद्मकुमार

त्वचा उत्थान के लिए बायोडिग्रेडेबल पीएलजीसी-फाईब्रिन हीमोस्टेटिक ग्राफ का मूल्यांकन

  • एक स्पन बायोडीग्रेडेबल पोलिमर स्कफोल्ड के साथ उचित डीग्रडेशन प्रोफाईल और सैकोकेमिकल प्रकृति को त्वचा ऊतक अभियांतिकी पद्धति से स्कफोल्ड के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • इसके प्रत्यारोपण पर, घाव के अवांछनीय संकुचन को रोका जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. लिस्सी कृष्णन

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. प्रशांत वर्की

एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट(एएसडी) ओक्लूडर

  • एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट(एएसडी) ओक्लूडर में दीवार में एक मुख या छेद हृदय के दो ऊपरी चेंपर को अलग करता है।
  • इस छेद को ठीक करने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी ही पारंपरिक प्रबंधन तकनीक है।
  • एक विशेष धातु अलॉय (NiTiNOL) मेश को एक कैथेटर के ज़रिए लक्ष्य जगह पर ले जाया जाता है और फिर छेद को भरने करने के लिए फैलाया जाता है।
  • गैर-शल्य प्रक्रिया होने के कारण, मरीज तेजी से ठीक हो जाता है और इसमें अस्पताल में रहने के लिए बहुत कम समय की आवश्यकता होती है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.सुजेश एस

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. एस. बिजुलाल

रेडियोपेक लिक्विड एमिबोलाइजेशन उपकरण

  • मस्तिष्क के भीतर छोटी धमनियों ओर नसों के बीच असामान्य संचार को वेनस मेलफॉर्मेशन कहते हैं, जिससे दौरे, इंट्राक्रेनियल रक्तस्राव, पक्षाघात, दृष्टि हानि या गंभीर सिरदर्द से समझा जाता है।
  • इस तरह के दोषों को विशेष सील के साथ सेलेंट्स किया जाता है जो रक्त के संपर्क में जम जाता है।
  • इस परियोजना में एक गैर-मेटालिक सीलेंट की योजना है। इससे एमआरआई इंकंपेटबिलिटी को कम करने में मदद मिलेगा।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. रॉय जोसेफ

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. जयदेवन ई आर

बैसिलस प्रजातियाँ द्वारा उत्पन्न मोलिक्यूल्स के विरुद्ध मेथीसिलिन प्रतिरोधी स्टाफैलॉकोकोस ऑरियस(एमआरएसए)

  • एमआरएसए एक ऐसे जीवाणु है जिसका उपचार कठिन है, क्योंकि यह आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाली एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोध करता है।
  • एक माईक्रोबीयल स्ट्रेन जो एक एंटीबेक्टीरियल एजेंट का उत्पादन करता हैजो एमआरएसए के विरुद्ध सक्रिय है जिसे आईसोलेट किया गया है।
  • परियोजना का उद्देश्य इस रोगाणुरोधी अणु के विस्तृत लक्षण वर्णन करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. ए माया नंदकुमार

ओरल इंसुलिन डेलिवरी सिस्टम

  • मौखिक हाइपोग्लाईकेमिक एजेंट के लिए बेसिक अपील यह है कि ज्यादातर लोग इंजेक्शन के लिए एक गोली या ओरल लिक्विड पसंद करेंगे।
  • हालांकि इंसुलिन एक ऐसा होर्मोन है जो पेट और आँत में पचता है।
  • परियोजना का उद्देश्य पेट में जाते वक्त उचित एनकैपसुलेटिंग के द्वारा इंसुलिन का मौखिक वितरण है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. रेखा एम आर

फ्लो डायवर्टर स्टेंट

  • इंट्राक्रेनियल एन्यूरिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें सेरेब्रेल धमनी की दीवार में कमजोरी के कारण रक्त धमनियों में स्थानीयकृत फैलाव या गुब्बारों जैसा फैलाव होता है।
  • फ्लो डायवर्जन एक एंडोवैस्कुलर तकनीक है जिससे डिवाईज को रक्त प्रवाह को एन्यूरिज्म से दूर हटाने के लिए मूल रक्त वाहिका में रखा जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.सुजेश एस

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. संतोष के

इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर

  • इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटरघ(आईसीडी) एक ऐसी डीवाईज है जो एक बेटरी से चलता उपकरण है जिसे छाती के नीचे की त्वाचा में इंप्लांट किया जाता है, जो हृदय के कार्डियोवेर्शन, डीफाईब्रिलेशन और पेसिंग करने में सक्षम है।
  • कार्डियोवर्जन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक असामान्य रूप से तेज हृदय गति (टैचिकार्डिया) या अन्य हृदय के ताल विकारों को विद्युत संकेतों के उपयोग से इलाज किया जाता है।
  • कार्डियाक फैब्रिलेषन के लिए बिजली की झटके से करने वाली एक उपचार है डीफाईब्रलेषन।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.मुरलीधरन सी वी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. नारायण नंपूतिरि के के

माइट्रल वाल्व सुधार के लिए एन्नुलोप्लास्टी रिंग

  • एनुलोप्लास्टी रिंग एक कठोर या लचीला रिंग है जो वाल्वुलर अपर्याप्तता के पुनर्निर्माण उपचार के लिए माइट्रल वाल्व के चारों ओर प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • प्रत्यारोपित उपकरण उकसे नेटीव एन्नुलार आकार एवं गति को संरक्षित करते हुए लीफ्लेट कोऑप्टेशन को बढाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.रंजित जी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. विवेक वी पिल्लै

प्रोग्रामेबल हाइड्रोसेफेलस शंट

  • हाइड्रोसेफलस वह स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के भीतर सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) जमा होता है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप खोपडी के अंदर दबाव बढ सकता है। इसका परिणाम मुख्य रूप से शिशुओं में एवं बुजुर्गों में देखने को मिलता है। यह स्थिति विशेष रूप से जन्मजात अथवा जीवन में अधिग्रहित हो सकता है।हाइड्रोसेफलस के परिणाम स्वरूप स्पाईन बिफिडा, चेतन विहीनता, थकान, चिडचिडापन, उनींदापन जैसी स्थितियाँ है।
  • हाइड्रोसेफलस का उपचार एक शल्य चिकित्सा ऑपरेशन द्वारा किया जाता है जिसमें एक शंट होगा जो मस्तिष्क क्षैत्र को मानव शरीर के अन्य हिस्सों से जोडता है। आम तौर पर सीएसएफ को पेरिटोनियल केविटी में सूखा जाता है। इस स्थिति में शंट को वेंट्रीकुलो पेरिटोनिएल (वी पी) शंट कहा जाता है। एक अन्य प्रकार के शंट जिसे वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट(वीए) कहा जाता है जिसमें तरल पदार्थ दिल के दाहिने एट्रियम में जाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री.अनूप गोपिनाथन

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. ईश्वर एच वी

मानव-फाईब्रिन, एमनियोटिक फ्लूयिड और हायलूरोनिक एसिड से बना घाव हीलिंग मैट्रिक्स

  • इसमें तीन तरह के प्राकृतिक जैविक मैट्रिक्स घटकों का समायोजन है-
    i.   फैब्रिन- कोम्पोजिट मैट्रिक्स जो हेम्मोस्टेटिक है
    ii.   एचए जो घाव को हाइड्रेट करता है।
    iii.   बायोडिग्रेडेबल मैट्रिक्स के रूप में उपयोग करने के लिए एक एमनियोन, जो विवो में निर्देशित ऊतक उत्थान के माध्यम से घाव भरने को बढावा देता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. लिस्सी कृष्णन

प्रमुख नैदानिक निरीक्षक

डॉ. प्रशांत वर्की

त्वचा ऊतक निर्माण के लिए त्री डी मुद्रण

  • इसका उद्देश्य एक त्वचा ऊतक निर्माण का विकास करना है।
  • त्वचा पुनरुद्धापन के लिए केराटिनोसाइट्स, फाइब्रोब्लास्ट और मेलानोसाइट्स जैसी त्वचा कोशिकाओं को समाहित करने के लिए उपयोग की जाने वाली त्री डी जैव मुद्रण तकनीकों का उपयोग करके पॉलिमर इंक आधछारित फैब्रिकेशन को विकसित करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनुज्ञा भट्ट

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

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वायरलेस रिचार्जिंग सिस्टम के साथ प्रत्यारोपण माइक्रो इनफ्यूशन पंप

  • एक प्रत्यारोपण योग्य सूक्ष्म इनफ्यूशन पंप जो पेरियोनियल केविटी, रीढ़ की हड्डी आदि आवश्यक स्थान पर दवा प्रदान कर सकता है।
  • बैटरी से चालित उपकरण में कैथेटर के माध्यम से दवा पहूँचाने के लिए एक दवा रिलर्वयर और एक मिनिएचर ड्राईव मेकानिजम है।
  • एक विशेष पोर्ट में इंजेक्शन द्वारा दवा रीफिल किया जा सकता है।
  • उपकरण एक बैटरी द्वरा संचालित किया जाएगा जिसे ट्रांकक्यूटेनियस एनर्जी ट्रांस्फर सिस्टम(टीईटीएस) द्वारा रिचार्ज किया जा सकता है जिससे परक्यूटेनियस तारों और संबंधित संक्रमणों से बचा जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. शरत एस नायर

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

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चिकित्सा उपकरणों और वितरण प्रणालियों के लिए पैरालीन कोटिंग

  • पैरालीन(पॉली पैराक्सिलिलीन) एक ऐसी सामग्री है जिसका उपयोग बहुत कम घर्षण गुणांक, अच्छी अनुरूपता और उत्कृष्ठ डाइलेक्ट्रिक गुणों के साथ चिकित्सा उपकरणों और डिवाइज वितरण प्रणालियों के कोटिंग के लिए किया जाता है।
  • इस परियोजना का उद्देश्य एम्बोलिषन थेरापी के लिए रेडियोओपेक मैक्रोस्पिएर्स इंटेंट के लिए एक बृहद तकनीक का विकास करना है। माईक्रोस्पीयर में कोवालंट बोंड एयोडीन का रोडियोपेसिफाईंग एजेंट और पॉलिमर होगा जो नॉन –डीग्रेडेबिल टाईप का है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. पी. रमेश

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

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एम्बोलाइजेशन थेरेपी के लिए रेडियोपेक पॉलीमेरिक माइक्रोस्फीयर

  • एम्वोलाइजेशन में रक्त वाहिकाओं के चयनात्मक ऑक्कयूज़ेशन है और इसका उपयोग मानव शरीर के विभिन्न अंगों जैसे एन्यूरिज्म, ट्यूमर अलगाव आदि को प्रभावित करने वाली विभिन्न प्रकार की स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।
  • इस परियोजना का उद्देशय एम्बोलाइजेशन थेरेपी के लिए रेडियोपेक पॉलीमेरिक माइक्रोस्फियर के लिए एक स्वदेशी तकनीक विकसित करना है। माईक्रोस्फीयर में रेडियोपेसिफाइंग एजेंट के रूप में सहसंबद्ध आयोडीन होगा और पॉलिमर गैर-डिग्रेडेवल तरह का होगा।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. रॉय जोसफ

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. जयदेवन ई. आर

टाइटेनियम नाइट्राइड कोटेड कोरोनरी स्टेंट सिस्टम

  • कोरोनरी धमनी रोग(सीओडी) तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में प्लेक नामक फैट जमा होता है, जो धीरे से धमनी के अंदर बनकर धमनी को संकीर्ण कर देता है। इससे सांस लेने में तकलीफ हो जाती है, या सीने में दर्द या फिर हार्ट अटाक का खतरा बढ़ जाता है। कोरोनरी स्टेंट्स आम तौर पर धातु के एलॉय से बने हुए होते हैं और यह बलून कथेडर के द्वारा ल्यूमेन के माध्यम से रोगग्रस्त धमनी में प्रस्तुत किया जाता है। बाद में इसे प्रत्यारोपण के बिंदु पर गुब्बारे को फुलाने से विस्तारित किया जाता है।
  • इस परियोजना का उद्देश्य सिरेमिक कोटेड स्टेंट सिस्टम विकसित करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. सुभाष एन एन

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. हरिकृष्णन एस

डीएनए के लूप मध्यस्थता प्रवर्धन(एसएएमपी) का उपयोग करके मानव पेपिलोमा वायरस का पोईंट ऑफ केयर डिटेक्शन

  • डीएनए आधारित परीक्षण का विकास।
  • एक तेज और लागत प्रभावी देखभाल उपकरण के रूप में डीएनए का लैंब आधारित एम्प्लिकेशन का मानकीकरण।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनूप कुमार टी

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. बिंदु नंबीशन, एसएटी

थोराकोलंबर स्थिरीकरण के लिए रीढ़ की हड्डी का फिक्सेशन प्रणाली

  • नोवेल स्पाइनल फिक्सेशन उपकरण को डिजाईन और विकसित करने के लिए इसके अंतर पोलियाक्सियल पेडिकिल स्क्रू, रोड, लॉकिंग गैप, कनेक्टर और एएर्गोनोमिक रूप से डिजाईन किए इंस्ट्रमेंटल सिस्टम सम्मिलित है।
  • उपकरण को चिकना बनाने और पीडियार्टिक मरीजों की आबादी के अनुरूप चर आकार बनाने के लिए डिजाइन मापदंडों का अनुकूलन करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. अरविंद कुमार प्रजापति

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. कृष्ण कुमार के

हड्डी रोग प्रत्यारोपण के लिए उच्च शक्ति Ti-6AI-4V(Ti64) कास्टिंग का विकास

  • तन्य गुणों से युक्त उच्च शक्ति टीआई64 कास्टिंग का उत्पादन जिसको गढ़ा, सोल्यूषन ट्रीटेड और एज्ड उपकरणों से बहतर एक लागत प्रभावी प्रक्रिया विकसित करना है।
  • इन विवो छोटे पशु मॉडल अध्ययन द्वारा उपकरण की सुरक्षा को प्रमाणित करना।
  • नियर-नेट, ओरथोपीडियॉक इंप्लांट प्रोटोटाईप कास्टिंग इस माध्यम से प्रमाणित कर सकता है। जैसै. एंटीरियर –सेर्विकल प्लेट्स।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. के जी वी शिवकुमार

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. कृष्ण कुमार के

त्रिकोणीय हड्डी ग्राफ्ट के विकल्प के रूप में एक्सियली एलीग्ड पोर्स के साथ बायोसेरामिक केजस

  • एक बायोसेरामिक केज को डिजाईन और विकसित करना जो मध्य भाग के चारों ओर एक्शियली लोड बियरिंग के साथ एलैंग्ड पोर्स का वितरण करता है।
  • आवश्यक नैदानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सिरेमिक केज के विभिन्न यांत्रिक और जैविक मापदंडों की जांच करना है।
  • बायोरिएक्टर का उपयोग करके सेरामिक केज पूर्व पर वरीयता प्राप्त मेसेंचिमल स्टेम कोशिकाओं की मेकानोट्रांस्डक्शन प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. मनोज कोमत्त

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. अनूप पिल्लै, एसयूटी

कॉर्नियल एपिथेलियल सेल शीट इंजीनीयरिंगःसत्यापन और पूर्व नैदानिक मूल्यांकन

  • थर्मौ-रेस्पोनसीव एनजीएमए पॉलिमर संश्लेषण का सत्यापन।
  • मानव कॉर्नियल एपिथेलियल सेल अलगाव और सेल शीट जेनरेशन का सत्यापन।
  • खरगोशों में मानव कॉर्नियल एपिथेलियल सेल शीट का पूर्व-नैदानिक मूल्यांकन।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. नरेश कसोजू

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. चित्रा राखवन

दर्द प्रबंधन के लिए स्पैनल कोर्ड स्टिमुलेटर का विकास

  • दीर्घकालिक न्यूरोपथिक कारणों उत्पन्न गतिशीलता को प्रतिबंधित करने वाला दीर्घकालिक दर्द जो सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप करता है और परिणाम आजीवन दर्द और स्थायी विकलांकता है।
  • स्पाईनल कोर्ड स्टिमुलेशन थेरॉपी (एससीएस) जो मस्तिष्क तक पहूँचने से पहले दर्द को छिपाता है।
  • पेस मेकर के समान एक छोटा सा उपकरण जिसे इंप्लांट पल्स जेनरेटर (आईपीजी) कहा जाता है, रीढ़ की हड्डी के लक्षित क्षेत्रों में विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोड के माध्यम से विद्युत संकेतों को बचाता है।
  • यह लोगों को अपने दीर्घकालिक दर्द का बहतर प्रबंधन करने और ओपिओइड दवाओं के उपयोग को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. जितिन कृष्णन

सेप्सिस और क्लैमाइडिया ट्रेकोमेटिस के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट का विकास

  • सेप्सिस एक ऐसा जान लेवक खतरा है जो संक्रमण के कारण शरीर की प्रतिक्रिया को पडता है। सेप्सिक तब होता है जब इन रसायनों के लिए शरीर की प्रतिक्रिया संतुलन से बाहर होता है, जो परिवर्तन के माध्यम से अनेक अंगों को नुकसान पहूँचा सकता है।
  • क्लैमाइडिया ट्रेकोमेटिस एक इंट्रा सेलुलर पारसाईट है जो क्लैमाइडिया का कारण बनता है, जो विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकता है, जिसमें शामिल हैः ट्रेकोमा, यूर्थाइटिस, सर्विकाइटिस और पेल्विक इंफ्लमेटरी रोग।
  • इस परियोजना का उद्देश्य क्लैमाइडिया प्रबंधन के लिए सेप्सिस प्रबंधन और क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस एंटीजन के लिए प्रोकैल्सिटिन(पीसीटी) का पता लगाने के लिए लेटरल फ्लो उपकरणों का विकास करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. मनोज जी

FAST TRACK PROJECTS - COVID 19

चित्रा एक्रिलोसोर्ब फ्लूइड सोलिडिफिकेशन प्रणाली

  • इस परियोजना का उद्देश्य शरीर के तरल पदार्थ का सोलिडिफिकेशन और डिसिन्फेक्शन के लिए सूपरअबसोर्बेंट पदार्थ का विकास करना है
  • एक्रिलोसोर्ब अपने ड्राई वजन की तुलना में कम से कम 20 गुना अधिक तरल पदार्थों को अवशोषित कर सकता है और इसमें सीटी डिसइंफेक्शन के लिए एक विसंदूषक भी होता है।
  • यह तकनीक अस्पताल के कर्मचारियों के जोखिम को कम करता है, उन्हें पुनः उपयोग करने के लिए बोतलों और कनस्तरों को कीटाणुरहित करने और साफ करने के लिए कार्मियों की आवश्यकता होती है और निपटान को सुरक्षित और आसान बनाता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक:

डॉ. मंजू एस

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. अजय प्रसाद ऋषि
उप प्राचार्य, विसंज्ञन

केरल राज्य दवा और फारमस्यूटिकल्स लिमिटेड, आलप्पी को लाईसेंस प्राप्त


चित्रा एमरजेंसी ब्रीथिंग असिस्ट सिस्टम(चित्रा ईबीएएस)

  • कंण्वेंशनल मकनीकी वेंटिलेषन को सांस लेने में कम अथवा कठिनाई वाले रोगियों में कुछ घंटों से कुछ दिनों के लिए एक ब्रिड्ज वेंटिलेटर विकसित करने के लिए प्रदान किया जा सकता है।
  • यह उपकरण नियंत्रित दर के निश्वासन के साथ सकारात्मक दबाव वेंटिलेशन को सक्षम बनाता है।I:E रेषियो, टाईडल वोल्यूम आदि।
  • स्वचलित उपकरण आइसोलेशन कमरे में सहायक कर्मियों की आवश्यकता को कम करेगा जिससे कोविड रोगियों को सुरक्षित, प्रभावी और फेफडों के सुरक्षात्मक शल्यचिकित्सा को सक्षम किया जा सकेगा।
Pचरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. शरत एस नायर

प्रमुख नैदानिक निरीक्षकः

डॉ. मणिकण्ठन एस
प्राचार्य, विसंज्ञन

तकनीकी विप्रो एंटरप्राईसेस प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलूर को लाईसेंस दिया गया है।


डिजिटल स्वच्छता प्रणाली

  • संपर्क के सतहों पर कोविड 19 वायरस के प्रसार को कम करने के लिए, एक मोबाईल एप्लिकेशन द्वारा नियंत्रित सुरक्षित सीमा में कम तीव्रता वाले प्रकाश या यूवी प्रकाश का पता लगाया गया है।
  • वैयक्तिक मोबाईल स्मार्ट फोन के फ्लाश लाईट(ब्रोड स्पेक्ट्रम लाईट) एक निश्चित अवधि के लिए झिलमिलाता है। वैकल्पिक रूप से, यूवी प्रकाश को मोबाइल फोन के यूएसबी पोर्ट से जोडा जा सकता है।
  • मोबाईल हाथों या किसी साफ किए जाने वाले वस्तु पर केंद्रित किया जा सकता है और कुछ अवधि के लिए सक्रिय किया जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. शरत एस नायर

चित्रा आइसोलेशन पोड्स

  • इस परियोजना का उद्देश्य रोगी को रखने के लिए एक आइसोलेशन चैंबर विकसित करना और महामारी रोगों के मामले में परिवहन और उपचार के दौरान संक्रमण के प्रसार को रोकना है।
  • यह आंतरिक नकारात्मक दबाव के साथ सुरक्षित अलगाव प्रदान करता है और रोगियों द्वारा स्रवित गैसों को कम और निष्प्रभावित करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. शरत जी

प्रौद्योगिकी एचटीएमएल, लिमिटड, कोचि को स्थानांतरित किया।


तकनीकी केरल राज्य दवा एवं फार्मस्यूटिकल्स को पुनः लाईसेंस दिया गया है।


आपातकालीन रेसपोन्ज आइसोलेशन सिस्टम

  • प्रस्तावित अवधारणा स्थानीय रूप से उपलब्ध पीवीसी पाईप, कनेक्ट्स और मौसम प्रतिरोधी कपडेका उपयोग कर न्यूनतिम मार और श्रम के सात त्वरित समय में इकाइयों की स्थापना करता है।
  • डिप्लोयबिल आईसोलेषन वार्ड, अस्पतालों, आईसीयू।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. सुबाष एन.एन

तकनीकी डेब्रिक्यू क्रिएटिव लाब्स प्राइवेट लिमिटेड को लाईसेंस दिया गया है।


यूवी आधारित कीटाणुशोधन प्रणाली

  • प्रस्तावित इकाई निपटान से पहले फेसमास्क को साफ करने के लिए जिससे कोविड 19 के संभावित प्रसार से बचा जा सकें।
  • इसमें एक कूडेदान शरीर, एक नियंत्रक और एक यूवी कीटाणुशोधन लैंप होता है, जो निपटान से पहले उपयोग किए गए अवशिष्ट फेस मास्क को निष्फल और कीटाणुरहित करता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. सुभाष एन एन

यूवी आधारित बहुउद्देशीय डिसइंफेक्ट
लाईसेंस निम्नलिखित कोः
  • वीएसटी मोबिलिटी सोल्यूषन, कोच्चि
  • व्यावसायिक रूप से प्रक्षेपित


लाइसेंस के लिए यूवी आधारित फेस मास्क कीटाणुशोधन बिनः
लाईसेंस निम्नलिखित कोः
  • वीएसटी मोबिलिटी सोल्यूषन, कोच्चि
  • व्यावसायिक रूप से प्रक्षेपित
पुनः लाईसेंस दिया गया
  • श्री शिवप्रिया एक्जिम, चेन्नई
  • पीएमजी एक्युपमेंट, हैदराबाद
  • वैवेसिटी ग्रीन रीसाईक्लेर्स, कोष़िकोड
  • केएसडीपीएल, आलप्पी


वेंटिलेटर शेयरिंग किट

  • कोविड 19 के कारण वेंटिलेटर उपकरणों की व्यापक कमी को स्थानीय रूप से उपलब्ध उपकरणों की मदद से कई रोगियों के लिए एकल वेंटिलेटर साझा करके प्रबंधित किया जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. विनोदकुमार वी

परीक्षा बूथ

  • कोविड संदिग्धों की जांच करने वाले स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए इंजिनीयरिंग लाईन डिफेंस बनाने के लिए सुरक्षित एवं कुशल परीक्षण कक्षों का विकास करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक :

श्री. रमेश बाबू वी

तकनीकी निम्नलिखित को हस्तांतरितः
  • एचएलएल लाईफकेयर, त्रिवेंद्रम
  • शिवप्रिया एक्जिम, चेन्नई
  • एचएमजी भारत, मुंबई
  • टीवीएस सप्पलाई चेईन, बैंगलूरू
  • डेएआरओ स्टील , कोलकत्ता
  • केएसडीपीएल, आलप्पी


चित्रा स्वाब संग्रह बूथ

  • कोविड संदिग्धों से रोगी के नमूनों को इकट्ठा करने वाले स्वास्थ्य पेशेवर के लिए इंजीनियरिंग लाईन ऑफ डिफेंस बनाने के लिए सुरक्षित और कुशल स्वाब संग्रह कक्षों को विकसित करना है।
  • प्रस्तावित स्वाब संग्रह बूथ ऊपरी डिब्बे में शेड एवे संदूषण का इलाज करेंगे, जो आसपास के संभाव्य संदूषण को रोकता है।
चित्रा एकल चेंबर स्वाब संग्रह बूथ
चित्रा दोहरा चेंबर स्वाब संग्रह बूथ
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. रमेश बाबू वी

तकनीकी हस्तांतरित किया गया हैः
  • एचएलएल लाईफ केयर, त्रिवेंद्रम
  • शिवप्रिया एक्जिम, चेन्नई
  • एचएमटी, कोच्ची
  • टीवीएस सप्पलाई चेन, बैंगलूरू
  • जेएडीआरओ स्टील, कोलकत्ता
  • केएसडीपीएल, आलप्पी
  • एचएमजी भारत, मुंबई


चित्रा कीटाणुशोधन गेटवे

  • चित्रा कीटाणृशोधन गेटवे सार्वजनिक स्थान से प्रवेश करने वाले कर्मचारी वर्गों के विसंदूषण के लिए है।
  • यह हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिस्ट और अलट्रावाईलेट रश्मियों को पैदा करने की एक व्यवस्था है। हाईड्रोजन पेरोक्साईड मिस्ट संक्रमित व्यक्ति के कपडे, हाथ और बैग को विसंदूषित करेगा।
  • व्यक्ति के बाहर चले जाने के बाद अल्ट्रावाईलेट प्रणाली कक्ष को विसंदूषित करेंगे।
चरण के प्रमुख निरीक्षक:

श्री. जितिन कृष्णन

तकनीकी निम्नलिखित को हस्तांतरित किया गया हैः
  • एचएलएल लाईफ केयर, त्रिवेंद्रम
  • शिवप्रिया एक्जिम, चेन्नई
  • एचएमटी, कोच्ची
  • एचएमजी भारत, मुंबई
  • टीवीएस सप्पलाई चेन, बैंगलूरू
  • जेएडीआरओ स्टील, कोलकत्ता
  • इंडियाहब, नई दिल्ली
  • टेक्नॉपार्क अस्पताल, त्रिवेंद्रम
  • भारतीय रेलवे, त्रिवेंद्रम विभाग


कोविड 19 के लिए एंटीजन डिटेक्शन किट

  • कोविड 19 एंटीजन की उपस्थिति का पता लगाने के लिए नैदानिक परीक्षण किट को विकसित करना है।
  • स्पाईक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी स्ट्रिप्स/स्टिक को स्थिर किया जाएगा और किट को पार्श्व प्रवाह/डिपस्टिक तकनीक के आधार पर एंटीजन डिटेक्शन के लिए विकसित किया जाएगा।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनुज्ञा भट्ट

तकनीकी एगेप्पे डैयग्नॉस्टिक्स को अंतरित किया गया है।


आईजीजी/आईजीएम(IgG/IgM) एंटीबॉडी के लिए रैपिड डिटेक्शन किट

  • सेरम, प्लाज्मा एवं पूरे रक्त में कोविड 19 एंटीबोडी टेस्ट की उपस्थिति का पता लगाने के लिए नैदानिक परीक्षण किट विकसित करना है।
  • यह संक्रमण का पता लगा सकता है और लक्षणयुक्त लोगों को अलग कर कोविड संदिग्धों को आईसोलेट कर सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. मनोज.जी

तकनीकी ओरजिन डायग्नॉस्टिक्स एवं रिसर्च , कोल्लम, केरल को अंतरित किया गया है।


कोविड 19 जांच के लिए नायलॉन फ्लॉक्ड स्वाब(नासोफेरिंजियल और ओरोफेरिंगंगल)

  • विकसित उपकरण में नासोफेरिंजियल और ओरोफेरिंगंगल स्वाब है जिसमें पॉलीप्रोपाइलीन से बने प्लास्टिक शाफ्ट में एक ब्रेकपॉइंट है जिसमें स्पेसिमन के कुशल संग्रह के लिए इलेक्ट्रोस्टैटिक रूप से आते नायलॉन होते हैं।
  • स्पेसिमेन रिकवरी के क्षेत्र के आधार पर दो विकल्प या तो, गले या नाक उपलब्ध से लेने की योजना है। एनपी स्वाब का उपयोग स्पर्शोन्मुख व्यक्तियों के परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. लिंडा थॉमस

तकनीकी मलेलिल प्रौद्योगिकी प्राईवेट लिमिटेट कोच्ची को अंतरित किया गया है।


ओरोफेरिंगियल सांपिल संग्रह किट

  • कोविड 19 जांच के भीतर सिंथेटिक नासोफेरींजियल या ओरोफेरिंजियल स्वाब के उपयोग से वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम(वीटीएम) में वायरल लोड का प्रयोग किया जाता है।
  • इस परियोजना में नमूनों को एकत्र करने के लिए सिंथेटिक ओरोफेरींजियल स्वाब के साथ फॉस्फेट बफर्ड सलैनी(पीबीएस) और ग्साइसरोल आधारित वीटीएम माडिया के विकास का प्रस्ताव है।
  • इस उपकरण का उपयोग स्वतंत्र रूप से या ओरोफेरिंजियल क्षेत्र से सैंपिल संग्रह के लिए सैंपिल संग्रह किट के लिए एक घटक के रूप में किया जा सकता है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

डॉ. अनुज्ञा भट्ट

तकनीकी निम्नलिखित को हस्तांतरित किया जाता है
  • ओरजिन डायग्नॉस्टिक्स एवं रिसर्च, केरल
  • लेवराम लाईफ साईंसेस प्राईवेट लिमिटेड, मुंबई


चित्रा लैंप-एन-आरटी-लैंप किट और चित्रा मैग्ना आरएनए आइसोलेशन किट

  • आरटी –लैंप तकनीक का प्रयोग करके कोविड 19 वायरस का पता तेजी से लगाने के लिए एक नैदानिक उपकरण एवं किट विकसित कर सकते हैं।
  • स्वाब नमूनों के उपयोग से आरएनए आइसोलेशन के लिए एक किट को विकसित करना है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक :

डॉ. अनूप कुमार टी

चित्रा मैग्ना आरएनए आइसोलेशन किट
  • एगापे डायग्नॉस्टिक्स लिमिटेड, कोच्चि में स्थानांतरित प्रौद्योगिकी;
  • मेसर्स टाटा संस प्राईवेट लिमिटेड, मुंबई को पुनः लाईसेंस दिया गया।


चित्रा लैंप-एन कोविड टेस्ट किट
  • एगापे डायग्नॉस्टिक्स लिमिटेड, कोच्चि में स्थानांतरित प्रौद्योगिकी
  • टाटा एंट संस प्राईवेट लिमिटेड, मुंबई को लाईसेंस दिया गया।


लागत प्रभावी वेंटिलेटर का विकास

  • फास्ट ट्राक मोड पर वयस्क और पीडियाट्रिक चिकित्सा उपयोग के लिए एक सरल, कॉम्पैक्ट, विश्वसनीय और लागत प्रभावी सामान्य उद्देश्य वेंटिलेटर विकसित करने है।
चरण के प्रमुख निरीक्षक

श्री. नागेश डी एस